मुलायम चूत का मजा मुझे दिया मेरे बड़े भाई की साली ने! वह हमारे घर रहने आई थी. उसे देखते ही मेरे मुख से ‘हाय’ निकल गयी थी जिसे वह समझ गई थी.
दोस्तो, मेरा नाम शुभम है.
मैं हरियाणा के एक छोटे से गांव में रहता हूं.
अभी मैं 24 साल का लड़का हूँ और हर रोज जिम जाता हूं इसलिए मेरा शरीर एकदम मस्त है.
मैं स्पोर्ट से लगातार जुड़ा हुआ हूं, इसलिए बिल्कुल फिट रहता हूं.
मेरा कद 5 फुट 9 इंच है. मेरे लंड का साइज 7 इंच है और मोटाई 3.5 इंच है.
खास बात यह है कि मेरे लौड़े का रंग गोरा है.
लड़कियां मुझे देखते ही मुझ पर फिदा हो जाती हैं.
जब कोई लड़की मेरे साथ चुदने आती है तो कसम से वह मेरा गोरा लंड देख कर उसे चूसे बिना नहीं रहती है.
एक बार तो ऐसा हुआ है कि एक लड़की मेरे साथ कमरे में थी.
वह लंड को देख कर इतनी ज्यादा खुश हो गई कि उसने तुरंत अपनी सहेली को वीडियो कॉल करके सिर्फ मेरे लंड को पकड़ कर दिखाया और वह लड़की भी मेरे लंड से चुदने के लिए आ गई.
यह सब मैं अपनी लड़कियों को बता रहा हूँ कि गोरे लंड के प्रति लड़कियों की कामेक्षा कितनी अधिक बढ़ जाती है.
खैर यह सब बाद में … अभी आप मेरे भाई की साली की चुदाई की कहानी का मजा लें.
यह लड़की की मुलायम चूत का मजा लेने बात कुछ समय पहले की है. मेरे भैया की शादी हुई थी और उनकी साली मेरे घर पर घूमने आई थी … या यूं कहें कि वह अपनी दीदी से मिलने आई थी.
मैं आपको बता दूँ कि भैया की साली का नाम पलक (बदला हुआ नाम) है.
उसका कद बहुत ज्यादा तो नहीं है लेकिन उसका फिगर बहुत जबरदस्त है.
आप यदि उसका 34-28-36 का फिगर देख लेंगे, तो तुरंत आपका लंड खड़ा हो जाएगा. यह मेरी गारंटी है.
उसकी आंखें बहुत ही नशीली थीं.
मुझे तो उसे देखने पर सिर्फ उसकी आंखें ही मस्त लगती थीं.
मैं तो सिर्फ उसकी आंखों पर ही मर मिटा था.
मैंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया था कि वह भी मेरे आकर्षक व्यक्तित्व पर मर मिटी है.
उस वक्त तक मैं कुंवारा था और लड़कियों को समझ पाने में कच्चा था.
हालांकि सेक्स की समझ आ गई।
जब पलक मेरे घर आई तो उसका सबसे मिलना-जुलना हुआ, सबसे बातें हुईं और खाना पीना हुआ.
वह मुझे देख कर मुझसे भी हाय बोली.
मैंने भी उसकी नशीली आंखें देख कर आह भरी.
वह शायद समझ गई थी कि मैं आह क्यों भर रहा हूँ.
वह हंस कर बोली- क्या हुआ, कांटा चुभ गया क्या?
मैंने तनिक झेंपते हुए कहा- हां कांटा जैसा ही कुछ चुभ गया है.
उसने अपनी आंखें नचाईं, तो मैंने इधर उधर देख कर कहा- आपकी आंखें बहुत सुन्दर हैं.
उसने थैंक्स कहा और अपने दूध उठा कर इशारे से पूछा- और क्या देखा?
मैं घबरा गया कि यह तो एकदम से सरपट दौड़ने वाली माल गाड़ी है.
मैंने ना में सर हिला दिया.
वह अपनी दीदी के पास चली गई और मैं उसकी आंखों के अलावा उसके दूध गांड को याद करके सोचने लगा.
अब शाम हो गई थी और सोने की व्यवस्था होने लगी थी.
गर्मी का मौसम था तो हमारे घर के सब लोग गर्मी में छत पर सोते हैं.
मेरा बिस्तर भी छत पर उसी के साथ लगा क्योंकि मैं उस वक्त उससे छोटा था, तो किसी को कोई परेशानी नहीं थी.
रात में भी सब बातें करते करते सोने लगे.
वह मेरे साथ बातें करने लगी.
उसने स्पोर्ट्स पर बात करना शुरू की थी तो मैं उसे बड़े गुमान के साथ अपनी खेल में निपुणता को बताने लगा.
वह पूछने लगी कि डिप्स भी मारते हो?
मैंने कहा- हां डिप्स तो सबसे जरूरी होता है.
वह बोली- एक बार में कितनी मार लेते हो?
उसके पूछने के अंदाज से मुझे कुछ ऐसा लगा, जैसे यह चुदाई के बारे में पूछ रही हो कि एक बार में कितने धक्के लगा सकते हो.
मुझे चुप देख कर उसने मुझे टहोका और पूछा- बताओ न!
मैंने कहा- एक बार में मैं पचास डिप्स मार लेता हूँ.
वह बोली- अरे वाह तब तो तुम बड़े ताकतवर हो!
मैंने सोचा कि हां तू अपनी टांगें तो खोल रंडी, फिर तुझे ताकत का अहसास करवाता हूँ.
काफी देर तक बातचीत के बाद मैंने कहा- ओके अब सोते हैं.
वह भी हां कह कर सोने लगी.
मैं भी अपने आंखें बंद करके सोने का नाटक करने लगा.
जब मुझे लगा कि सब सो गए हैं, तो मैंने अपने बाजू में सोई पलक के हाथ को धीरे से छुआ.
उसने कोई प्रतिक्रिया भी नहीं दिखाई.
इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई और अब मैंने उसके गालों को टच किया.
उसकी तरफ से अब भी कोई हलचल नहीं हुई.
इस तरह से धीरे धीरे मेरी हिम्मत बढ़ने लगी और अंततः मैंने उसका एक दूध दबा दिया.
मैंने फुल तैयारी से साथ उसका दूध दबाया था.
मतलब उसका दूध दबाने के साथ ही मैं कुछ इस तरह से हो गया मानो मेरा हाथ अनजाने में उसके दूध पर चला गया हो और किसी वजह से दूध दब गया हो.
मेरे द्वारा दूध दबा दिए जाने के बावजूद उसने कोई हलचल नहीं की.
अब मैं समझ गया कि हो न हो यह भी मजा ले रही है.
मैं यह सोचते ही उसके पास को खिसक गया और धीरे धीरे उसके होंठ चूमने लगा.
थोड़ी देर बाद उसने आंखें खोल दीं और वह मुस्कुराने लगी.
मैं जान गया था कि लोहा गर्म हो चुका है और बस हथौड़ा मारना बाकी है
मतलब यह कि उसकी भी चूत भभक रही है और यह चुदासी हो गई है.
मैंने उससे इशारे से पूछा कि क्या चाहिए?
उसने मेरे लंड पर हाथ रख दिया.
मैंने उसके दूध दबाए और उससे नीचे चलने का इशारा किया क्योंकि छत पर बहुत रिस्क था.
थोड़ी देर बाद वह उठकर नीचे चली गई.
उसके बाद मैं भी नीचे चला गया.
नीचे जाते ही मैंने देखा कि वह गेहूं के बोरे रखने वाली गैलरी में खड़ी थी.
उधर भी चुदाई हो सकती है यह मैंने कभी सोचा ही नहीं था.
वैसे जगह बड़ी मुफीद थी और उधर आसानी से किसी की नजर जाने का अंदेशा भी नहीं था.
मैं सोचने लगा कि वो कितनी गर्म माल है कि साली ने आते ही चुदाई की जगह भी खोज ली थी.
मैंने उसे अन्दर जाते ही दबोच लिया और किस करने लगा.
बहुत देर तक किस करने के बाद मैंने उसके दूध दबाने शुरू किए.
वह कुछ बोल ही नहीं पा रही थी, बस मजे ले रही थी और सी सी करके आवाज कर रही थी.
उसने सलवार सूट पहना था.
तो मैंने उसकी कुर्ती को ऊपर उठाया और उसके दूध चूसने लगा.
वह आह आह करके मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाने लगी.
मुझसे वह अपने दोनों दूध बारी बारी से चुसवा रही थी.
मैं उसकी मदभरी आंखों में बस चुदासे भाव से देखे जा रहा था.
वह मुझे देखती और झट से अपने सीने में कस लेती.
कुछ देर बाद मैंने उसका नाड़ा खोल दिया और घुटनों पर बैठ कर उसकी चूत पर हल्के से किस कर दिया.
इतने में ही वह छटपटाने लगी और कंपने लगी.
वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही थी.
मैं उसकी साफ चुत को लगातार चाटने लगा.
वह कुछ ही समय में मेरे सर को अपनी चुत में घुसेड़ने सी लगी थी.
कुछ ही देर में वह मेरे सर के बाल नोचने लगी.
उसकी यह उत्तेजना मुझे समझ आने लगी थी कि अब यह चुदवाने के लिए कह रही है.
मैंने भी मौके की नजाकत को समझा और खड़े होकर अपना हथियार उसके हाथ में दे दिया.
वह धीरे धीरे लंड को मसलने लगी.
तभी मैंने उससे लंड को मुँह में लेने को कहा, उसने ना में सर हिलाया.
मगर मेरे इसरार पर उसने लौड़े के सुपारे पर बस एक किस करके छोड़ दिया.
जबकि अब मुझे हथियार चुसवाना बहुत अच्छा लगता है और उस वक्त इसने मेरे लंड को नहीं चूसा था.
चुदाई का असली मजा तो लड़की से टट्टे व लंड चुसवाने में ही आता है.
जब उसने लंड पर चुम्मी लेकर छोड़ दिया तो मैंने झूठ मूट का गुस्सा दिखाया और अपना लंड पजामे के अन्दर डाल लिया.
उसने झट से मेरा पजामा ढीला किया और लंड बाहर निकाल लिया.
अब उसने लौड़े को खूब चूसा.
कुछ देर बाद वह खड़ी हो गई और मेरे लंड को अपनी चुत पर रगड़ने लगी.
मैंने उसको वहीं जमीन पर लिटाया और उसकी चूत पर लंड रगड़ना चालू कर दिया.
वह तो जैसे बिन पानी मछली के जैसे तड़पने लगी और मुझसे लंड डालने के लिए विनती करने लगी.
एक मिनट के बाद मैंने एक बार में ही अपना पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया.
उसकी तो जैसे जान निकल गई हो, उसकी आंखें टंग गईं और वह कुछ बोल ही नहीं पा रही थी. बस हाथ पैर पटक रही थी.
मैंने उसके दूध दबाने चालू कर दिए, तो थोड़ी देर बाद वह सामान्य हो गई.
अब तो वह खुद ही गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी.
मैंने भी ताबड़तोड़ चुदाई करनी शुरू कर दी.
उस टाइम मैं नया नया जवान हुआ था तो मेरा पहला राउंड ही बहुत देर चलने वाला था.
कुछ देर बाद पोज बदला गया.
मैंने उससे कुतिया बनने का कहा.
पर उधर जगह कम थी तो वह सही से कुतिया नहीं बन पा रही थी.
मुझे चुत चोदने की चुल्ल हो रही थी तो मैंने खड़े खड़े ही उसकी पीछे से चुदाई स्टार्ट कर दी.
उसने सामने रखा एक बोरा जरा सा सरका दिया तो उसे झुकने में सुविधा हो गई थी.
मैंने उसे झुका दिया और धकापेल मचा दी.
वो धीरे धीरे दबी हुई आवाज में कराह रही थी- आह ऊ आई मर गई मम्मी … बस करो बहुत दर्द हो रहा है … साले फाड़ दी तुमने मेरी चूत!
लेकिन मैं कहां मानने वाला था.
मैंने चुदाई चालू रखी और कुछ बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया.
मेरे अन्दर ऊपर वाले ने मुझे यह गिफ्ट दिया है कि मेरी सेक्स करने की टाइमिंग बहुत अच्छी है.
ये बहुत सी लड़कियों और भाभियों ने भी मुझसे बोला है.
मेरा पहला राउंड लगभग 40-45 मिनट में खत्म होता है. दूसरे राउंड में तो एक घंटा आराम से लग जाता है.
उसकी चुत से तीन बार पानी निकलवाने के मैंने उसकी चूत में ही पानी निकाल दिया.
अब उसने अपने कपड़े सही किए और वह लंगड़ाती हुई छत पर भाग गई.
मैंने बाद में बाथरूम में जाकर देखा कि मेरी लंड पर खून के निशान थे.
मुझे भी यह समझ कर बड़ा अच्छा लगा कि मैंने आज अपने लंड का उद्घाटन एक सील पैक चूत को कली से फूल बनाने से किया.
तो दोस्तो, यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताइएगा.
अगली सेक्स कहानी में मैं बताऊंगा कि कैसे साली ने अपनी बड़ी बहन को मुझसे कैसे चुदवाया.