बॉस से चुदाई कहानी हिंदी कहानी में मैं बड़ी उम्र के बॉस की सहायिका हूँ, उनके साथ टूर पर होटल में भी रही हूँ. लेकिन एक बार होटल में हम दोनों डबल बेड पर सो रहे थे तो …
दोस्तो,
मैं पायल शर्मा!!
मेरे पाठक मुझे अपनी कहानी भेजते रहते हैं वेबसाइट पर प्रकाशित करवाने के लिए.
ऎसी ही एक कहानी है चाँदनी की.
यह बॉस से चुदाई हिन्दी कहानी उसी के शब्दों में पढ़ें:
मेरा नाम चाँदनी है और मैं 25 साल की हूँ।
मैं अपने बारे में आप लोगों को बताऊँ तो मैं दिखने में खूबसूरत हूँ रंग गोरा वजन 58 किलो।
और मेरा फिगर 34-30-36 का है।
मैं मुंबई में एक कंपनी में काम करती हूं और मुझे यहाँ काम करते हुए 4 साल हो चुके हैं।
कंपनी में मेरा काम अपने बॉस की मदद करना एक तरह से उनकी सेक्रेटरी ही कहिए।
लेकिन मेरी कंपनी में 2 बॉस है एक हमारे छोटे बॉस है जो कि 30 साल के हैं और दूसरे उसके पिता हैं जो 56 साल के हैं.
और सब उन्हें बड़े बॉस कहते हैं।
ऑफिस में मैं बड़े बॉस के साथ रहती हूँ और काम में उनका हाथ बटाती हूँ।
2 साल पहले तक मेरा एक बॉयफ्रेंड था और उसके साथ मैंने बहुत बार सेक्स किया था लेकिन उसकी शादी के बाद से हम दोनों अब नहीं मिलते।
मैं रात में वेबसाइट पर कहानियां पढ़ती हूँ क्योंकि मुझे सेक्सी कहानियां पढ़ना बेहद पसंद है।
कई बार मैंने सोचा कि मैं अपनी भी कहानी कही पर भेजूँ … लेकिन कभी नहीं भेज सकी थी।
फिर मेरी बात पायल जी से हुई जिन्होंने मेरी मदद की और आज मैं अपनी कहानी भेज रही हूं।
उम्मीद करती हूं मेरी बॉस से चुदाई हिंदी कहानी आपको अच्छी लगेगी.
मैं पहली बार कहानी लिख रही हूं।
दोस्तो, कहानी की शुरुआत से पहले मैं आपको बताना चाहती हूँ कि मेरी कहानी बिल्कुल सत्य घटना पर ही है और इसमें किसी तरह की कोई मिलावटी बात या बनाई हुई नहीं लिखी हुई है।
मेरे साथ जो जो भी हुआ, वही सब मैं लिख रही हूं।
दोस्तो, शुरू में ही मैंने बताया कि मुझे कंपनी में काम करते हुए 4 साल हो चुके हैं और मैं अपने बड़े बॉस के बाद रहते हुए उसके काम में हाथ बटाती हूं।
इन सालों में हम लोग बिल्कुल एक नॉर्मल तरीके से ही काम करते थे।
कई बार कंपनी के काम के कारण बड़े बॉस मुझे भी अपने साथ बाहर लेकर जाते थे और वहाँ भी बस हमारा केवल काम पर ध्यान रहता था।
हम दोनों की उम्र में इतना फासला है कि हम दोनों का रिश्ता बाप बेटी की तरह ही था।
बड़े बॉस मुझसे बहुत साल बड़े हैं और उनके लिए मैं कुछ गलत सोच भी नहीं सकती थी।
बल्कि जो हमारे छोटे बॉस है उनके बारे में मैंने सुणा था कि उनका अपनी कई सेक्रेटरी के साथ सेक्स सम्बन्ध था।
लेकिन अपने बड़े बॉस के बारे में मैंने कभी भी गलत नहीं सुना था।
बस इतना पता था कि वे ड्रिंक बहुत करते हैं और बिना ड्रिंक किये सोते नहीं हैं।
बड़े बॉस कड़क मिजाज के हैं.
मैं उनसे उतना ही बात करती हूं जितना काम होता है क्योंकि उनको गुस्सा बहुत जल्दी आ जाता है।
लेकिन साल भर पहले हम दोनों के बीच ऐसी घटना हुई जिसके बाद हम दोनों करीब आ गए और आज साल भर से हम दोनों हफ्ते में लगभग 4 दिन चुदाई करते हैं और हम दोनों चुदाई का भरपूर आनंद ले रहे हैं।
चलिए जानते हैं कि हम दोनों अचानक से इतने करीब कैसे आ गए और उन्होंने पहली बार मुझे किस तरह से चोदा।
पिछले साल कंपनी के काम से मुझे औऱ बॉस को नागपुर जाना था.
मुझे बॉस ने एक दिन पहले ही बताया था क्योंकि काम जरूरी था और उन्हें भी देरी से ही पता चला था।
तो मुझे एक दिन में ही अपनी पूरी तैयारी करनी पड़ी।
यह मेरे लिए नई बात नहीं थी क्योंकि मैं पहले भी उनके साथ बाहर जा चुकी थी।
उनके साथ जाने में कोई दिक्कत नहीं रहती थी प्लेन से आना जाना होता है और बढ़िया होटल में रुकने के लिए मिलता है।
मैंने अपनी सभी तैयारी कर ली थी और अपनी जरूरत के कपड़े और अन्य सामान रख लिया था।
हमें नागपुर में 4 दिन रुकना था।
हम लोग यहाँ से प्लेन से निकले और कुछ ही घण्टे में नागपुर पहुँचने वाले थे।
प्लेन में ही बॉस ने मुझे बताया कि अभी होटल बुक नहीं हो पाया है क्योंकि ऑनलाइन में जगह खाली नहीं बता रहा था।
इसलिए हम लोगों को सबसे पहले नागपुर पहुचकर होटल में रूम का प्रबंध करना था।
जल्द ही हम लोग नागपुर पहुँच गए और एयरपोर्ट से टैक्सी लेकर रूम की तलाश करने लगे।
टेक्सी में हमें पता चला कि उस समय नागपुर में क्रिकेट मैच होने के कारण और किसी का बड़ा अधिवेशन होने के कारण होटलों में रूम की बड़ी दिक्कत हो रही है और बड़ी मुश्किल से रूम मिल रहा है।
वो टेक्सी वाला हमें कई होटलों में ले गया लेकिन कही भी रूम नहीं मिल रहा था।
फिर उसने कई जगह फोन किया और बोला- एक जगह होटल में रूम मिल रहा है!
और वह हमें उस होटल में ले गया।
होटल बाहर से काफी अच्छा था.
जब हम रिसेप्शन में गए तो पता चला कि वहाँ केवल एक ही रूम खाली है।
और ज्यादा न भटकने के कारण बॉस ने वो रूम बुक कर लिया क्योंकि अगले दिन और रूम मिल सकता था।
हम दोनों रूम में गए.
वो डबलबेड का शानदार रूम था।
दोपहर का समय था और बॉस अपने बैग से कपड़े निकालकर बाथरूम चले गए।
बारी बारी से हम दोनों नहा लिए और फिर बॉस ने खाना ऑर्डर किया।
कुछ ही देर में खाना आ गया और बॉस खाने से पहले हमेशा की तरह अपनी वाइन निकालकर पीने लगे।
मुझे पता था कि बॉस खाने से पहले वाइन पीते हैं तो मुझे कोई दिक्कत नहीं थी।
वाइन पीने के बाद बॉस और मैं खाना खाने लगे।
मैं बिना कुछ बोले चुपचाप खाना खा रही थी और बॉस मेरे सामने बैठकर खाना खा रहे थे।
कुछ देर बाद मैंने गौर किया कि बॉस बार बार मेरे सीने की तरफ देख रहे है।
मैं उस वक्त एक सिल्क गाउन पहनी हुई थी और गाउन के सामने के बदन खुले हुए थे जिससे मेरे दोनों दूध और दूध के बीच की लाइन दिख रही थी।
मुझे अच्छा नहीं लगा और मैं किसी तरह से गाउन को ठीक करती और खाना खाने लगती.
लेकिन बार बार मेरे दूध सामने आ जाते थे।
मैं बॉस के सामने बिना किसी झिझक के बर्ताव कर रही थी लेकिन बॉस की नजर बार बार मेरे सीने पर ही जा रही थी।
किसी तरह से मैंने अपना खाना खत्म किया और फिर पलंग पर बैठ कर अपना मोबाइल देखने लगी।
बॉस भी लड़खड़ाते हुए कदमो से आकर बिस्तर पर आये और एक तरफ लेट गए।
किसी तरह हम दोनों को उसी बिस्तर पर सोना था।
मैं भी कुछ समय बाद बिस्तर का एक कोना पकड़ कर लेट गईं।
जल्द ही बॉस की नींद लग गई और मैं भी चादर ओढ़ कर सो गई।
रात में करीब दो बजे मेरी आँख खुल गई और मुझे अपने पैरों पर कुछ हलचल सी महसूस हुई।
मैं लेटी रही.
मैंने महसूस किया कि बॉस बिल्कुल मेरी पीठ से सटे हुए थे.
मेरा गाउन मेरे घुटनों तक उठा हुआ था और बॉस का पैर मेरे पैरों से लिपटा हुआ था.
और बॉस का एक हाथ मेरी कमर पर था।
कुछ देर मैं सोचती रही कि बॉस नींद में हैं.
लेकिन कुछ समय में ही मुझे पता चल गया कि वे नींद में नहीं हैं क्योंकि उनके पैर मेरे पैरों को सहलाने लगे थे और उनका हाथ मेरी कमर से होता हुआ मेरे सीने तक आ गया।
मैं कुछ समझ ही नहीं रही थी कि क्या करूँ और क्या न करूं।
तो मैं बस आँखें बंद किये हुए नींद का नाटक कर रही थी।
लेकिन बॉस को बिल्कुल भी नींद नहीं थी और वे पूरे होश में ये सब कर रहे थे।
उनको लग रहा था कि मैं गहरी नींद में हूं.
लेकिन उन्हें पता नहीं था कि मैं जाग चुकी थीं।
कुछ ही पल में बॉस का हाथ मेरे वक्ष पर आ गया था और वो मेरे एक स्तन को अपनी हथेली में लेकर सहलाने लगे थे।
मुझे बेहद ही अजीब लग रहा था.
मैंने सोचा कि उठकर उन्हें मना करूं … लेकिन पता नहीं क्यों, मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी।
मैं चुपचाप वैसे ही आँख बंद किये लेटी रही।
बॉस को जैसे पूरा यकीन हो गया था कि मैं गहरी नींद में हूँ इसलिए उनकी हिम्मत बढ़ती जा रही थी और उन्होंने मेरे दूध को हल्के हाथों में मसलना शुरू कर दिया।
जल्द ही उन्होंने मेरे गाउन के बटन भी खोल लिए और मेरे गाउन में हाथ डाल दिया।
उन्होंने मेरी ब्रा को उंगलियों से उठाया और अपना हाथ अंदर डालकर मेरे एक उरोज को जकड़ लिया।
बॉस अपनी उंगलियों से मेरे निप्पल को हल्के हल्के मसलने लगे।
अब मेरी हालत खराब होने लगी और मेरे अंदर भी वासना की लहर दौड़ गई।
मेरी चूत में भी हलचल पैदा होने लगी और शरीर में गर्मी आ गई।
काफी देर तक बॉस मेरे दूध के साथ खेलते रहे और मेरी चूत से पानी निकलता रहा।
फिर बॉस ने अपना हाथ मेरे दूध से हटा कर मेरे कूल्हों पर रख दिया और मेरे गाउन को पकड़कर बड़े आहिस्ते आहिस्ते ऊपर की तरफ करने लगे।
उन्हें लग रहा था कि कहीं मैं जाग न जाऊं.
लेकिन उन्हें क्या पता था कि मैं पहले ही जाग चुकी थी।
उन्होंने मेरे गाउन को मेरी जांघ तक उठा दिया और जैसे ही अपना मेरी जांघ पर रखा मेरे अंदर तक सिहरन दौड़ गई।
मेरी गर्म गर्म जांघ को बॉस सहलाने लगे और उसके बाद वे गाउन के अंदर हाथ डालकर मेरी पेंटी को टटोलने लगे।
जल्द ही बॉस मेरे चूतड़ों को पेंटी के ऊपर से ही सहलाने लगे.
और कुछ देर बाद उन्होंने अपना हाथ पेंटी के अंदर डाल दिया और मेरी गांड को हल्के हल्के सहलाने लगे।
मेरी हालत इतनी खराब हो गई थी कि ऐसा लग रहा था कि मैं भी उठकर उनसे लिपट जाऊं.
लेकिन मेरे अंदर उस वक्त वासना के साथ साथ बहुत डर भरा हुआ था।
जल्द ही बॉस की एक उंगली मेरे गांड की दरार के अंदर चली गई और वे उंगली से मेरी गांड के छेद को रगड़ने लगे।
मैं बस सोच रही थी कि ‘हे भगवान आज ये सब मेरे साथ क्या हो रहा है!’
आज तक बॉस ने मेरी तरफ कभी भी गंदी निगाह से नहीं देखा लेकिन आज वे ये सब कर रहे हैं।
जल्द ही ये सब जैसे शुरू हुआ था वैसे ही खत्म हो गया और बॉस अपने हाथों से अपने लंड को हिलाने लगे.
कुछ ही देर में वे शांत हो गए और पलटकर सो गए।
बॉस तो शांत हो गए लेकिन मेरे अंदर की गर्मी अभी भी बरकरार थी।
कुछ देर बाद मुझे भी नींद आ गई और मैं भी सो गई।
सुबह उठकर हम दोनों तैयार हुए और मीटिंग के लिए निकल गए।
दिन भर हम दोनों साथ में थे लेकिन बॉस के चेहरे से ऐसा नहीं लग रहा था जैसे रात में कुछ हुआ था।
उन्हें अभी भी लग रहा था कि मुझे कुछ पता नहीं है।
दिन भर मीटिंग में रहने के बाद शाम को 6 बजे हम लोग वापस होटल आये और फ्रेश होने के बाद बॉस ने चाय ऑर्डर की।
हम दोनों चाय पी ही रहे थे कि होटल का मैंनेजर कमरे में आया और बॉस से बोला- सर, हमारे यहाँ और कमरे खाली हो चुके हैं. आपको कल दो कमरों की जरूरत थी. अगर आप चाहें तो मैडम के लिए अलग कमरा मिल सकता है।
उसकी बात सुनकर बॉस बोले- नहीं, कोई दिक्कत नहीं है. हम लोगों को कल बस और रहना है हम एडजस्ट कर लेंगे।
बॉस की बात सुनकर मेरे मन में कल रात वाली बात आ गई और मैं सोचने लगी कि कहीं आज भी बॉस वही सब तो नहीं करेंगे?
चाय पीने के बाद बॉस मुझसे बोले- तुम रूम में ही रहना, मैं एक जरूरी काम करके आता हूँ।
बॉस चले गए और करीब एक घण्टे बाद आये.
मैंने देखा कि उनके हाथ में एक पॉलीथिन थी और उसके अंदर कुछ था।
उन्होंने वो पॉलीथिन टेबल पर रखी और बाथरूम चले गए।
मैं तुरंत उठी और उस पॉलीथिन में देखा तो उसमें एक वाइन की बोतल थी।
मैं जानती थी कि उन्हें रोज पीने की आदत है इसलिए मैंने चुपचाप उसे रख दिया और वापस बिस्तर पर बैठ गई।
रात करीब 8 बजे बॉस ने खाने के लिए दो प्लेट रोस्ट चिकन ऑर्डर किया और कुछ ही देर में उन्होंने उनका रोस्ट चिकन आ गया।
उसके बाद उन्होंने वेटर को खाने का भी ऑर्डर दे दिया कि 9 बजे के बाद खाना ले आना।
वेटर ने हामी भरी और चला गया।
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