हेलो दोस्तों, मैं ललिता चौधरी आप सभी का स्वागत करती हूँ. मैं आपको अपनी सेक्सी चुदाई कहानी सुनाने के लिए मरी जा रही हूँ. मेरे दिल में कुछ गहरे राज दफ़न है, जो मैं आपको सुनाना चाहती हूँ.
मैं इस राज को लेकर नहीं मारना चाहती हूँ इसलिए अब आपको अपनी कहानी सुनाती हूँ. मेरी शादी 17 साल की उम्र में हो गयी थी. तब मैं बिलकुल फ्रेश माल थी. मेरे पति राजेश ने मुझको चोद चोदके 3 साल में 3 लडकियां पैदा कर दी. मैं कभी 3 लडकियां नहीं पैदा करना चाहती थी, पर एक के बाद एक लड़की पैदा होती चली गयी और लडके की चाहत में हम एक के बाद एक बच्चा पैदा करते चले गये.
जब मेरी 3 लडकियां हो गयी तो मेरे पति आये दिन शराब पीने लगे. मुझसे हर रोज झगडा करने लगे. आप लोग तो जानते ही होंगे की जाटों में लड़कों की कितनी क़ीमत होती है.
दोस्तों, अब मैं भी टेंशन में आ गयी. इतने में मेरी बड़ी लड़की जवान हो गयी और मुझे उसकी शादी करनी पढ़ गयी. मेरा दमाद रोहित बड़ा ही स्मार्ट था और बहुत ही समझदार लड़का था. जब मेरी बेटी के साथ एक दिन वो मेरे घर आया तो मैंने अपना दुःख दामाद जी के सामने रखा.
दामादजी, तुम्हारे ससुर तो मुझको आज भी हर रात कोसते रहते है. बार बार कहते है की तुमने मुझको दिया ही क्या?? अब तो वो पीने भी बहुत लगे है! मैंने आने दामाद से सारा दुखडा रो दिया. उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया.
आप रोये नही मम्मी जी! मुझसे जितना हो सकेगा मैं आपके लिए करूँगा! दामाद जी बोले. मैं भावुक हो गयी. मैंने दामाद जी को सीने से लगा लिया. वो पहला दिन था जब मैं अपने ही दामाद पर आसक्त हो गयी थी. मेरा पति तो अब मुझको चोदता ही नही था. अब वो हर रात शराब के नशे में धुत्त रहता था.
उस रात दामाद जी मेरे सपने में आये. मैंने उनको ही कल्पना में लेकर उस दिन चूत में ऊँगली डालके मुठ मार ली. दोस्तों कुछ दिनों बाद मैं होली के त्यौहार पर में अपनी बेटी के घर चली गई. वहां मैं और दमाद जी उपर छत पर चले गए. मैं एक बार फिर से लड़का न होने का दुखडा रोने लगी. रोहित (मेरे दामाद) ने मुझको फिर से गले लगा लिया.
मम्मीजी !! आप रोए मत! मैं सब कुछ देख सकता हूँ! पर आपका रोना नहीं देख सकता! रोहित बोले
मैंने उनको कसके खुद से सीने से लगा लिया. वो मुझको मेरी पीठ पर थपकी दे देके चुप कराने लगे. मैं अभी 36 की थी पर मैं भी आखिर औरत थी. मेरा भी चुदने का मन होता था. मेरा मर्द तो अब मुझको पेलता ही नहीं था. मैंने उस वक्त पीठ पर खुला वाला ब्लौसे पहन रखा था.
मैं इतनी सुन्दर थी की किसी को अगर लाइन एक बार दे दूँ तो वो मुझको चोद के ही रहे. मैं आज भी देखने के मस्त माल थी. जब मेरे दामाद [रोहित] ने मेरी खुली पीठ पर हाथ रखा और मुझे चुप कराने लगा तो अचानक से मेरी चुदास जाग गयी.
मैंने रोहित को सिर उठाकर कामुक नज़रों से देखा. रोहित भी मुझको उन्हीं नजरों से देखने लगा जैसे कह रहा हो सासु जी ! लडके के लिए इतना मत परेशान मत होइए. मैं आपको चोद चोद के एक लड़का जरुर दे दूँगा.
मैं राहुल को कुछ देर तक एक टक देखती रही तो वो भी मुझको बिना पलक झपकाए घूरते रहा. मैंने धीरे से उनको कमरे की ओर इशारा कर दिया.
रोहित समझ गये की आज सासु माँ चुदने के मूड में है. वो भी मुझको चोदना चाहते थे. मेरी बड़ी लड़की [आशा] को चोद चोद के राहुल थोडा बोर हो गये थे. अब वो भी शायद एक नयी चूत की तलाश कर रहें थे. रोहित और मैं उपर बने एक कमरे में आ गए. इस सर्दियों में लोग इस कमरे में धुप के कारण आ जाते थे. ये वही कमरा था. अंदर आते ही रोहित ने मुझको सीने से लगा लिया.
मम्मी जी !! आज एक बात कहू!! नाराज तो नहीं होगी?? रोहित बोले
नही बेटे! मैंने कहा
मम्मी जी जब मेरी आपकी बेटी से शादी हो रही थी , जी कर रहा था आपके गले में वरमाला डाल दूँ. आपकी लड़की भी आपके सामने कुछ नहीं है! मेरे दामाद बोले
थैंक यू बेटे!! मैंने कहा
मम्मीजी!! आज के दिन के लिए आप मेरी जोरू बन जाओ!! दामाद जी बोले
मैं तो खुद ही उनसे चुदने को तैयार थी. कहाँ मेरे पति ने मुझको 1 साल ने नही चोदा था.
दामाद जी ! मैं भी आपको पसंद करती हूँ! मुझे मंजूर है! मैंने भी कह दिया. बस फिर क्या था दोस्तों, दामाद जी ने मुझको अपने सीने से लगा लिया. मेरे मम्मो पर उन्होंने अपने हाथ रख दिए.
मैंने होंठ उन्होंने अपनी बीवी की तरह समझ के चूम लिए. आह कितना सुखद मिलन था ये. आज मैं अपने जवान दामाद जी का लंड खाने वाली थी. मैंने भी उनको कन्धों से पकड़ लिया. रोहित मेरे होंठ पीने लगा. मैं तो धन्य हो गयी दोस्तों. पता नही कितनी बार मैंने उनको याद करके मुठ मारी होगी. आज सच में उनका लंड खाने वाली थी.
दामाद जी के हाथ मेरे बूब्स पर सरकने लगे. मेरे तन बदन में काम की ज्वाला भड़क गयी. सासू माँ ! आज चूत दे दो!! मना मत करना रोहित (मेरे दामाद जी) बोले.
चोद ले मुझको बेटा!! मैं तो कबसे तेरा इंतज़ार कर रही हूँ! मैंने कहा.
वही पास में एक बेड बड़ा था. दामाद जी मुझको उस पर पटक दिया और फिर मेरा ब्लोउज उतार दिया. मेरी ब्रा भी उतार दी. मेरी नंगी छातियों को वो मुँह से लगाकर पीने लगा. कहाँ मैं 36 साल की औरत थी और कहाँ मेरे दामाद 25 साल के थे. दोस्तों आज भी मेरा फिगर मेन्टेन था. मेरी चुचियाँ भी कसी थी. पेट भी मेरा सपाट था जबकि मेरी उम्र की सारी औरतों का पेट निकल आता है.
दामाद जी तो मेरी चूचियों को आम की तरह चूस रहे थे . आह !! बड़ी तृप्ति मिली. एक साल से मैं कितनी प्यासी थी. इंडिया में औरत को रोटी , कपड़ा सब देते है पर कोई ये नहीं पूछता की तुमको लंड वण्ड समय पर मिलता है की नहीं.
पिछले एक साल से मेरे शराब में टल्ली आदमी ने मेरी जिस्म की भूख की कोई खोज खबर नहीं ली. उसको तो बस शराब से मतलब था. औरत को कोई चोदता है या नही उसको कोई मतलब नहीं था. आज दामाद जी ने मेरी चूत की प्यास को समझा. दामाद जी अपने हाथों से मेरे गोल मटोल दूध को छूते मसलते रहे, मेरी चुचियों को वो पीने लगे. मैं मस्ती में डूब गयी.
उन्होंने मेरी साडी निकाल कर मेरा पेटीकोट भी उतार दिया. अब मैं उनके सामने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी और फिर उसके बाद उन्होंने वो भी उतार दिया और मैं पूरी नंगी हो गई उनके सामने.
फिर दामाद जी मुझे चूमने लगे और मेरी चूत सहलाने लगे.
सासू माँ!! आपकी चूत कितनी खूबसूरत है!! रोहित (मेरे दामाद जी) मेरी चूत को देखकर बोले. मैं आज अपनी खूबसरत चूत पर गर्व करने लगी. दामाद जी मेरी चूत पीने लगे.
मैंने अपनी टांगे और फैला दी. अब मेरी चूत और चौड़ी हो गयी. रोहित मेरी बुर पीने लगे. दोस्तों, जहाँ मैं बिलकुल दूध सी गोरी थी वही मेरी बुर, मेरी चूत थोड़ी सावली थी. पर ये सावलापन ही तो भारतीय औरतों की चूत की शान होती है.
मेरे दामाद जी लगातार मेरी चूत पीते जा रहे थे. उनके स्पर्श ने मेरी चुचियाँ अब और फूल गयी थी. मैं अपनी चुचियों को खुद सहलाने लगी. दामाद जी ने अपना बड़ा सा लंड मेरी बुर में जब डाला तो एक बार में अंदर नहीं गया क्यूंकि मेरे पति ने मुझको एक साल से नहीं पेला था इसलिए दामाद जी को बहुत मेहनत करनी पड़ी. फिर उन्होंने अपनी जवानी का पॉवर लगा दिया, एक धक्का जोर से मारा और उनका मजबूत लम्बा लंड मेरी बुर की गहराई नापने लगा.
दामाद जी मुझको चोदने लगे, मैं कितनी किस्मत वाली छिनार हूँ. जो दामाद मेरी लौंडिया को हर रात कुत्ते की तरह चोदता था, आज मैं वही जावान लंड खा रही थी, उसका भोग लगा रही थी. अपने पति से मुझको हमेशा यही सिकायत रही थी की वो मुझको हमेशा बड़ी धीरे धीरे पेलता था, पर दोस्तों आज तो मेरे भाग खुल गये थे. मेरा दामाद मुझको हचाह्च करके चोद रहा था.
मैंने अपनी दोनों टांगे ऊपर उठा ली थी. दामाद जी मुझको बड़ी जल्दी जल्दी चोद रहे थे. मैं पूरी तरह से उसके कब्जे में थी. वो मुझ पर पूरी सवारी कर रहें थे. उनके जल्दी जल्दी फटके मारने से मेरी चूत बड़ी अच्छी तरह से चुद रही थी. आज कितने दिनों बाद मेरे बदन की गर्मी शांत हुई थी. आज 365 दिनों के बाद मेरी चूत की गर्मी शांत हो रही थी.
दोस्तों, मैं कबसे प्यासी थी. राहुल ने मुझको 20 मिनट तो बड़ी जल्दी जल्दी चोदा किसी मशीन की तरह. मैं खुश हो गयी. फिर अचानक से उनका लंड बाहर निकल आया. मैंने जल्दी से उसका लंड फिर से अपनी चूत में डाल दिया. अगर इस वक्त मेरी बेटी आ जाती और मुझको दामाद जी से चुदते देख लेती तो जलन से वो मर जाती.
कोई भी औरत सब कुछ बाट सकती है , पर कभी भी अपने हिस्से का लंड नही बाट सकती. फिर चाहे उनकी माँ को ही वो लंड खाना हो.
जब दामाद जी ने लंड फिर से मेरी बुर में डाल दिया तो दामाद जी ने मेरी कमर कसके पकड़ ली और मुझको जोर जोर से चोदने लगे. आ आहा हा !! मैं मनमोहक मादक सिस्कारियां लेने लगी. दामाद जी के धक्कों से मेरी चुचियाँ दाए बाए भागने लगी तो दामाद जी ने मेरे दोनों मम्मो को कसके पकड़ लिया और मुझको चोदने लगे.
ओह्ह मम्मी जी !! मुझको पता होता की तुम इतना मस्त माल हो तो मैं तुमको पहले ही लाइन देता. मैं तुमको पहले ही चोद लेता!! मेरे दामाद जी बोले. कुछ देर बाद वो मेरी बुर में ही झड़ गये और फिर मैंने उन्हें अपने सीने से लगा लिया.
सासू माँ!! अब मैं तुमसे मिलने हर महीने की आखरी तारिक को मिलने आऊंगा और तुम्हारी चूत मारूंगा!! बोलो सहमत हो?? दामाद जी ने कहा
वो तो ठीक है बेटा! पर कहीं जमाने को खबर ना हो जाए? कहीं लोगों को पता न चल जाए?? मैंने कहा
दुनिया, जमाना मेरे लौडे पे!! अब मुझको तो तुम्हारी चूत चाहिए तो बस चाहिए!! दामाद जी बोले
ठीक है बेटा!! मैंने भी कह दिया. क्यूंकि कहीं न कहीं मैं भी उसने चुदवाना चाहती थी. कबतक मैं बिना लंड के काम चलाती.
कुछ देर बाद रोहित और मैं 69 पोजीशन में आ गए. मैं उनका लंड चूसने लगी और वो फिर से मेरी फूली फूली चूत पीने लगे. मेरी चूत में ऊँगली भी करने लगे. दामाद जी, मेरी चिकनी नंगी पीठ सहला भी रहें थे, और वहीँ कुछ कुछ अंतराल में मेरी बड़े बड़े गोल गोल लहराते चूतडों पर चपाट भी लगा रहें थे. मैं अपने दामाद जी के साथ गुलछर्रे उड़ा रही थी.
वो प्यार भरे लहजे में चट चट करके मेरे गोल चूतडों पर चपाट लगा रहें थे. मुझे ख़ुशी थी की आज कोई मुझको 1 साल बाद इतना प्यार मिल रहा है.
सासू माँ !! गांड दोगी!! दामाद जी संकोच करते हुए बोले. वो बड़े संकोची थे.
हाँ हाँ बेटा!! गांड भी ले लो. इसमें संकोच कैसा!! मेरे पास जो है वो तुम्हारा ही तो है! सास के लिए दामाद हमेशा पूजनीय होती है. ले लो, मेरी गांड भी ले लो!! मैंने कहा.
मैं पेट के बल अब पलट गयी. और 2 हाथ और 2 पैरों पर कुतिया बन गयी. मेरी कुंवारी गांड देख कर दामाद जी के मुह में पानी आ गया. मेरी गांड पीने लगे. ओह्ह ! आज मुझको कितना सुकून मिला. अब एक बार फिर दामाद जी का लंड फिर से खड़ा हो गया था. मेरी गांड में जब वो लंड पेलने लगे तो जाए ही न.
दामाद जी ने मेरी गाड़ में थोडा थूक मला और फिर से लंड पेलने लगा. 20 मिनट बाद मैं उनसे गाड़ मरवाने लगी. जहाँ दोस्तों थोडा दर्द हो रहा था वही नशीली चुदाई का मजा भी मिल रहा था. रोहित मजे से मेरी गांड चोद रहें थे.
मेरे दोनों चूतडों को उन्होंने हाथ से फैला दिया था और मस्ती से मेरी गांड चोद रहें थे. दोस्तों , मैं ये बात तो जरुर कहूँगी की जब आगे से दामाद मुझको चोद रहे तो तो इतनी कसावट नही मिल रही थी. पर पीछे से गांड चुदवाने में मुझको बहुत ज़्यादा मस्ती मिल रही थी.
रोहित चट चट मेरी चूतडों थप्पड़ लगा रहें थे. उस दिन 3 घंटे तक हम सास दामाद उस कमरे में गुलछर्रे उड़ाते रहें.
उसके बाद मैं अपने दामाद से पूरी तरह फस गयी. वो कोई न कोई बहाने से मेरे घर आने लगा और मुझको जी भरके पेलने लगे.
1 साल बाद मेरे पति को ये बात पता चल गयी. तब मेरे दामाद ने मेरे पति यानि अपनी ससुर को खूब पीटा. उसके बाद मेरे पति ने मुझसे कुछ नही कहा. अब तो सब जान गये है की मैं अपने दामाद से फसी हूँ. कुछ दिनों बाद मैं पेट से हो गयी और मुझको एक खुबसूरत सा लड़का हुआ.
मेरे पति अब खुश है की उनको अपना वारिस मिल गया. वो जानते है की ये लड़का उनके दामाद का ही है, पर वारिस पाकर वो खुश रहते है. मेरा दामाद आज भी हर महीने आता है. हम दोनो ऊपर कमरे में चले जाते है. मेरे पति जान जाते है की कमरे में उनकी बीवी अपने दामाद से चुदवाने गयी है. पर अब वो कुछ नही कहते.
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Mera land bhut lamda he