नदी किनारे चूत की सील तुड़वायी खेल समझ कर

वर्जिन गर्ल की चुदाई  कहानी में मैं अपने घर के पास रहने वाले लड़के के साथ स्कूल जाती थी. एक दिन हमने हमारे स्कूल के प्रिंसिपल को इंगलिश वाली मैडम  मैडम की बूर चुदाई करते देखा.ये सब देख के हम गरम हो गये और उस लड़के ने मुझे नदी किनारे ले जाकर चोद दिया

दोस्तो, मैं रिम्पी मिश्रा  हूँ.
मैं आज 20 साल की युवती हूँ.
मैं बहुत हॉट सुंदर लड़की हूँ.

आज मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी लेकर आपके सामने आई हूं।

यह कहानी तब की है जब मैं 19 साल की एक भोलीभाली लड़की थी. तब मैं एक कुंवारी कली थी.

तब अपने गांव से 2 किलोमीटर दूर पढ़ने जाती थी.
मेरे साथ गांव का एक लड़का और पढ़ता था. वह मुझसे 1 क्लास सीनियर था.
उसका नाम रामफल था.

तब मेरे शरीर में उभार आना शुरु हुआ था.
मैं औऱ रामफल साथ जाते और आते थे.

वह मेरे गांव का ही था तो मम्मी पापा उसे जानते थे और उसके साथ आने जाने में कुछ नहीं कहते थे।
मैं और वह दोस्त की तरह थे.

एक दिन स्कूल की जल्दी छुट्टी हो गई तो मैं कुछ काम से प्रिंसिपल आफिस में जाने लगी.
तभी रामफल आया और बोला- चल घर चलें!
मैंने कहा- जरा मुझे काम है सर से!

तो हम दोनों साथ गए.

जब आफिस के पास पहुंचे तो सर के आफिस से फुस फुस की आवाज हो रही थी.

मैंने खिड़की से देखा तो सर एक मैडम को झुका कर उनके पीछे से धक्के मार रहे थे.
मैं और रामफल यह खेल देख कर एक दूसरे को देखने लगे.

तभी हम दोनों को वहां कुछ गलत लगा और हम वहाँ से निकल कर अपने घर कि और आने लगे.

तभी रामफल बोला- रिम्पी, आज नदी पर घूमने चलें?
मैंने भी कहा- ठीक है!

और हम दोनों नदी की और चल दिये.
नदी के किनारे जाकर एक सुनसान जगह बैठ कर हम बातें करने लगे.

मैं उस टाइम सेक्स के बारे में कुछ ख़ास नहीं जानती थी.

उसने बात बात में मेरी जांघ पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा.

उसके ऐसे मेरी जांघ सहलाने से मेरे शरीर में सिहरन होने लगी.

तभी मैं बोली- रामफल, ऑफिस में सर और मैडम क्या कर रहे थे?
वह बोला- तुझे नहीं पता क्या कि वे दोनों क्या कर रहे थे?
तो मैंने कहा- नहीं … मुझे तो नहीं पता!

वह बोला- ऐसा करने में बहुत ही मजा आता है. तुझे लेना है ये वाला मज़ा?
तब मैंने कहा- अगर इस खेल में मजा आता है तो वो मैडम चीख क्यों रही थी?
वह बोला- वो तो मजे और प्यार की चीख है. जब तू करेगी तो तुझे भी ऐसे मजा आएगा और तू भी चीखेगी.

मैंने कहा- पर ये कैसे करते हैं?

वह मुझे थोड़ा और नीचे नदी की ओर ले गया. वाहन एक साइड में लेजा कर बोला- जैसे मैं तुझे कहूँ, तू वैसे वैसे ही करना!

तो मैंने भी हाँ में सर हिला दिया.

उसने मेरी स्कर्ट ऊपर करके मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराया.
फिर उसने मेरी पैंटी में हाथ घुसा दिया.
मेरा जिस्म एकदम गर्म हो गया.
मुझे बहुत अच्छा सा लगा.

उसने तब मेरी पैंटी मेरी टांगों से निकाल दी और अपनी उंगली मेरी चूत पर रख के सहलाने लगा.

मैं एकदम सिहर गई और मेरे मुख से आह निकल गई.

फिर उसने मेरी टांगें फैलाई औऱ मेरी अनछुई चूत को देखने लगा.
मेरी चूत पर हल्के हल्के सुनहरे रोयें आ चुके थे.

तभी रामफल ने अपना मुंह मेरी चूत पर रखा और चूत की दरार को चाटने लगा.

मैं एकदम पागल सी होकर चीख पड़ी.
धीरे धीरे मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं उसके सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी.

रामफल बड़े मजे से मेरी चूत चाट रहा था और मेरे आनन्द का पारावार नहीं था.

उसे 10 मिनट हुए होंगे मेरी चूत चूसते हुए कि मुझे लगा कि मेरी चूत में से कुछ निकल रहा है.
मुझे लगा कि शायद मुझे मूत आ रहा है.

मैंने उससे कहा- रामफल मुझे टॉयलेट आ रहा है, हट जा!
वह बोला- ये पेशाब नहीं है … तू कर ले!

और एकदम से मैं झड़ गई.
वह मेरा सारा माल पी गया और मैं निढाल होकर गिर गई.

फिर कुछ देर बाद उसने मुझसे पूछा- रिम्पी, तुझे मजा आया क्या?
मैंने कहा- हाँ रामफल, बहुत मजा आया मुझे! इतना अच्छा तो मुझे अब तक कभी लगा ही नहीं!

वह बोला- अरे अभी तो कुछ भी नहीं … अभी तो तुझे और मजा आएगा!

और उसने मेरी स्कर्ट उतार कर मुझे निचे से पूरी नंगी कर दिया.

फिर उसने अपनी पैन्ट उतार कर अपना लंड मेरे हाथ में दिया और सहलाने को बोला.

मैं उसका गर्म सहलाने लगी.
कुछ ही सेकंड में उसका लंड बहुत बड़ा हो गया.

फिर उसने मुझे लंड चूसने को कहा.

एक बार तो मैं हिचकिचाई कि यह गंदी चीज है, पर फिर मैंने सोचा कि रामफल ने भी तो मेरी पेशाब वाली जगह चूसी चाटी है.
तो मैं रामफल का लंड मुंह में लेकर चूसने लगी.

वह मेरे मुंह में वैसे ही धक्के मारने लगा जैसे स्कूल में सर मैडम के पीछ धक्के मार रहे थे.

कुछ देर के बाद उसने अपना गीला लंड मेरी चूत पर रखा और धक्का लगाया.
उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया.

औ मुझे इतना दर्द हुआ कि मैं चीखने लगी.
मैं बोली- नहीं … दर्द हो रहा है … निकाल बाहर!

लेकिन उसने नहीं सुनी औऱ 2 धक्के और लगाए औऱ पूरा लन्ड मेरी चूत में घुसा दिया.

मेरी आँखों में आँसू आ गये.

लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था मेरे दर्द तकलीफ से … और वह मेरी चूत में धक्के लगाता रहा.
मैं आह्हा हा उफ माँ मर गई … आह्हा हाउ फ़्फ़ह हह करती रही.

5 मिनट बाद मुझे भी मजा आने लगा तो मेरी चीख सिसकारी में बदल गई.
मैं भी नीचे से मजा लेने लगी.

वह भी फिर मेरी चूत तेज तेज चोदने लगा.

20 मिनट की चुदाई में मैं एक दो बार झड़ गयी थी.

फिर वह तेज तेज मेरी चुदाई करने लगा और कुछ पल के बाद एक साथ मेरी चूत में लावा सा गिरने लगा.
मुझे चोद कर वह मेरे ऊपर गिर गया और कुछ देर बस वैसे ही पड़ा रहा.

फिर वह उठ कर साइड में हुआ.

तब मैंने उसे कहा- बहुत मजा आया यार रामफल!
तो वह बोला- अब घर चल … अभी लेट हो रहे हैं! शाम को खेत में आना … फिर अच्छे से मजे दूंगा!

फिर हमने कपड़े पहने और घर की तरफ चल दिये.

और घर पहुँचने पर मेरे दिमाग़ में वही सब चल रहा था

फिर मैं शाम होने का इंतज़ार करने लगी की शाम को खेतों में जाकर होर ज़्यादा मज़ा लूँगी।

जैसे ही श्याम हुई मैं घर से बहाना बनाकर निकल गई खेतों में चुदाई का मज़ा लेने लेकिन मुझ बेचारी को कहाँ पता था कि ये खेल मेरे लिये बड़ी होकर आदत बन जाएगी जिसकी वजह से अब मैं एक नंबर की चुदकड़ बन गई हूँ।

चलिए वापिस कहानी पर आते है तो मैं जैसे ही श्याम को खेतों में पहुँची तो उसके साथ उसका दोस्त भी आया हुआ था। तो मैं थोड़ा डर गई और मैंने उसको एक साइड में आने का इशारा किया और उस से पूछा कि ये यहाँ क्यों है मैंने तो सोचा था ये खेल हम दोनों के बीच रहेगा

रामफल ने बोला की पागल अगर ये खेल हम दोनों के साथ खेलेगी तो तुझे ज़्यादा मज़ा आयेगा तभी मैं उसको इंकार करके घर जाने लगी तो वो मेरे आगे गिड़गिड़ाने लगा तो मैं थोड़ा सोचने के बाद मान गई

तो मैं उसके दोस्त से मिली जिसका नाम हर्ष था तो रामफल ने कहा जल्दी करो खेलते है फिर तुझे घर भी जाना है और बोलते ही मुझे चूमना स्टार्ट कर दिया और उसका दोस्त भी मेरी गर्दन को चाटने लगा जिस से मैं जल्दी गर्म हो गई और मैंने हर्ष का लंड अपने हाथ में पकड़ कर मसलने लगी और उसका लंड रामफल से भी ज़्यादा मोटा और बड़ा था अब मैं एक बार चुद चुकी थी और उसमे मुझे मज़ा आया था

तो मैंने तभी सोचा कि अब इस खेल में होर मज़ा आएगा दो लड़कों से एक साथ चुदाईं करवाने में वो दोनों मुझे ज़ोर ज़ोर से चूम रहे थे और उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए और ख़ुद भी पूरी तरह नंगे हो गये थे.

उन्होंने मुझे खेतों में घास के बीच लंबा लेटा दिया और हर्ष मेरी चूत को चाटने लग गया और रामफल मेरी गोल गोल चूचियों को अपने मुँह में लेके चूसना स्टार्ट कर दिया देखते ही देखते हर्ष ने मेरी चूत में जीभ के साथ साथ उँगली डालना भी शुरू कर दिया

हम तीनों पूरी तरह गरम हो चुके थे और मैं अब लंड के लिए मचल रही थी तभी मैंने उनसे बोला की यार जल्दी करो मेरे छेद में डाल दो अपना मोटा लंड और करदो मेरी बूर की चुदाई

फिर उसने अपना मोटा काला लंड मेरी चूत पर रखा और अंदर डाल दिया जिसे मेरी चीख निकल गई क्यूकी उसका लंड रामफल से बहुत मोटा और बड़ा था तभी रामफल ने मेरा मुँह बंद करवाने के लिए होठों को चूसना चालू कर दिया और फिर हर्ष ने मुझे चोद कर मेरी जान निकाल दी थी

इस बीच मैं एक बार झड़ भी चुकी थी पर वो नहीं रुका और रामफल मेरे मुँह को चोद रहा था उसका लंड मैं लगातार चूस रही थी फिर क़रीब 40 मिनट के बाद वो झड़ गया और फिर रामफल ने बोला अब मेरी बारी अब मैं तुझे चोदउँगा तो मैं उसको मना करने लग गई क्युकी हर्ष ने मेरी चुदाई करके मुझे थका दिया था और मेरे अंदर जान नहीं बची थी

मैं उसको बोलने लगी कि तू कल खेल लियो मेरे साथ स्कूल जाते समय अभी मुझे घर जाने दे मैं थक चुकी हूँ और रात भी होने वाली है पर वो कहा सुन ने वाला था

उसका तो लंड चूत के लिए तरस रहा था तो उसने मुझे कहा कि अगर तू आज बिना चुदे यहाँ से चली गई तो मैं आज के बाद तेरे साथ कभी नी खेलूँगा ये वाला खेल और सबको स्कूल में बता दूँगा की तूने क्या किया है हम दोनों के साथ

ये सब सुनकर मैं डर गई और मैंने उसको बोला की ठीक है तू करले मगर जल्दी कर मुझे घर भी जाना है तो उसने मेरी चुदाईं चालू की और उसके दोस्त ने मेरे चूचो से खेलना और होठ चूसना शुरू कर दिया जिस से मैं गरम हो चुकी थी और मज़ा लेने लगी थी।

उसने मुझे घोड़ी बनाकर भी चोदा जिस से मेरे घुटने पर चोट भी आ गई क्युकी खेत की मिट्टी सॉलिड थी क़रीब 25 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गये और मैं थोड़ी देर तक वहीं पड़ी रही उन दोनों के साथ नंगी खेतों में मेरे अंदर उठकर घर जाने की हिम्मत नी थी मेरी पूरी जान निकल चुकी थी

इतनी चुदाई के बाद और हम लेटे लेटे इधर उधर की बात कर रहे थे तभी मैंने अपने कपड़े पहने और दोनों को चुमि करके जैसे ही घर की तरफ़ चलने लगी तो मैं गिर गई तो उन्होंने मुझे उठाकर बोला की चल हम छोड़ देते है तुझे घर अपनी बाइक से जो की उसके दोस्त की थी वो मुझे मेरे घर छोड़कर चले गये और मैं एक दम जल्दी से सो गई थकने की वजह से

अब हम हर रोज़ स्कूल आते जाते समय चुदाईं करते थे और वो अपने नये नये दोस्तों से मुझे पैसे लेके चुदवाता था  जिस्में मुझे भी मज़ा आता था।

अब मैं चुदकड़ लड़की बन चुकी हूँ

कैसी लगी मेरी टी कहानी आपको कमेंट करके ज़रूर बताना।

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