हैलो दोस्तो, मेरा नाम हिमांशी है, मैं अभी 20 साल की हु, मेरी एक दोस्त थी मुस्कान, जो की मेरे कोचिंग क्लास में पढ़ती थी, वो मुझे बार बार अपनी चुदाई के बारे में बताते रहती थी, उसका एक दोस्त था मयंक, मुस्कान ने अपने चूत की सील उसी से तुड़वाई थी.
दोस्तों मैं भी बड़े चाव से उसकी ज़बरदस्त चुदाई की कहानियां सुना करती थी, सप्ताह में करीब चार दिन वो अपने घर से बंक मारती थी और डिस्ट्रिक्ट पार्क में जब अँधेरा हो जाता था तब तो चुदवाती थी और आकर मुझे बताती थी यार, आज मयंक ने मुझे ऐसे चोदा, ऐसे किश किया, ऐसे मेरी चूचियाँ दबायी.
ऐसे मेरी चूत में ऊँगली डाली, इस तरह मैं भी उसकी कहानियो को सुन कर खुश होती थी, पर जब वो अपनी चुदाई के बारे में बताती तो मेरी चूचियाँ टाइट हो जाती और मेरी चूत में गीलापन महसूस होता.
धीरे धीरे मैं भी लड़को के तरफ आकर्षित होने लगी. मेरा शरीर मध्य कद काठी का था, मुझे बहुत डर लगता था की मेरी चूत से अगर ज्यादा खून निकला तो, अगर मैं लंड को बर्दाश्त नहीं कर पाई तो, या लंड मेरी चूत में जोर से अंदर घुस गया तो. ये सब सोच कर डरती थी क्योंकी मुझे एहसास है की कैसे पहली चुदाई की चीख होती है.
जब मेरे भैया सुहागरात मना रहे थे तो भाभी जोर जोर से चीख रही थी, निकालो निकालो, खून निकल रहा है वगैरह वगैरह, क्यों की मैं उसके बगल के कमरे में सोई थी, और ऊपर छोटी सी खिड़की थी छत से सटी हुई वहाँ से आवाज आ रही थी.
तब से भी मेरे अंदर भय था. पर अब मेरे अंदर कुछ कुछ होने लगा था, मुझे भी कुछ ऐसा करने का मन कर रहा था जिससे मेरी चूत की गर्मी शांत हो, मैं जब भी कोई किसिंग सिन देखती तो मेरे तन बदन में आग लग जात थी.
मेरे अंदर एक अलग सी वासना की करंट लग जाती. ऐसे तो लड़कियों पे लड़के हमेशा से मरते है, मेरे ऊपर भी दर्जनों लड़को की आँख गड़ी हुई थी, पर मैंने अपने लिए एक बॉय फ्रेंड ढूंढ निकाला, और बस चटर पटर करने लगी, धीरे धीरे किसिंग शुरू हो गई
फिर वो मेरे कपडे के अंदर हाथ डाल कर मेरी छोटी छोटी संतरे की भांति चूचियों को दबाता और अपनी दो उँगलियों से मेरे निप्पल को सहलाता, मेरे मुंह से आहह अहह आह् की आवाज निकलती और मेरी चूत गीली हो जाती.
रात में जब सोती तो मैं अपनी चूत को सहलाती और अपने बूब्स को खुद ही प्रेस करती, ये सब करने से सिर्फ मन खराब होता था, क्योंकी ज़्यादा कुछ होता नहीं था बस आग भड़क उठती थी.
एक दिन की बात है वो मुझे अपने एक दोस्त के कमरे पे ले गया, मैं भी चली गई, उसका दोस्त था नहीं वो गाँव गया हुआ था,वहाँ सिर्फ हम दोनों अकेले थे.
उसने मेरे सारे कपडे उतारे, और फिर मेरी चूत को खूब सहलाया, मेरे बूब्स को पिया, मैं भी खूब मजे ली, अब बारी थी चुदने की, मुझे इसका बेशब्री से इंतज़ार था, पर अंदर से डर भी था, और वो पल आ गया जब मेरी चूत पे किसी लंड का स्पर्श हुआ, मैं तो धन्य हो गयी, मजा आ गया यारों, उसके बाद उसने मेरी चूत पे थूक लगाया.
मैंने मना भी किया की थूक क्यों लगा रहा है पर उसने बोला अरे यार दर्द नहीं होगा क्यों की लंड जब गिला हो जायेगा तो अंदर चला जायेगा, फिर उसने कहा रूक पहले चेक करता हु, की तू वाकई में वर्जिन है या नहीं या यूँ ही बोल रही है.
मैंने कहा चेक कर ले. उसने मेरी चूत को चेक करके देखा, और बोला नहीं यार तू तो वर्जिन लग रही है, क्योंकी अंदर छेद नहीं दिखई दे रहा है. मस्त माल है यार, मैंने कहा ये तो मैं हु ही.
उसको बाद क्या बताऊँ दोस्तों, उसने अपना लंड मेरी चूत पे लगाया और लगा अंदर करने.
मेरी मजा तो सजा में तब्दील होने लगी. मुझे जोर का दर्द होने लगा. मैं दर्द से छटपटा रही थी वो थोड़ा रूक गया और मेरी चूचियों को सहलाने लगा, मुझे अब दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था, अभी लंड मेरे चूत के अंदर गया नहीं था.
उसके बाद उसने तीन चार बार हौले हौले किया फिर उसने एक जोर से झटका मारा, उसका लंड मेरी चूत में कस गया, दर्द होने लगा. वो रूक गया, अब वो थोड़ा लंड को निकालता और फिर अंदर करता, ऐसा उसने करीब 10 बार किया, और लंड ने अपना मुकाम मेरे चूत के अंदर कर लिया, अब लंड आराम से मेरे चूत में आ जा रहा था, मैं पसीना पसीना हो गई थी.
वो मजा बस पूछो नहीं दोस्तों, आपको जिसको खट्टा मीठा कहते हो ना वही था, दर्द भी था और सकून भी था, मैंने उसको अपने बाहों में जकड लिया, वो अंदर बाहर अपने लंड को करते जा रहा था.
दोस्तों उसके बाद मेरी चूत के अंदर खुजली होने लगी. वो गजब का एहसास था मुझे लग रहा था वो जोर जोर से अंदर डाले, मुझे बाहों में भर ले मेरी चूचियों को जोर जोर से दबाये, मेरे होठ को खूब चूसे, मैं आवेश में आ गयी और कहने लगी. चोद ना चोद शांत क्यों हो रहा है. मुझे तो अभी और चाहिए, और चोद और चोद, आह आह आह उफ़ उफ़ उफ़ और वो धरासाई हो गया वो मेरे ऊपर ही लेट गया.
मैंने पूछा क्या हुआ, मुझे बहुत गुस्सा लगा था, क्यों की वो चोद नहीं रहा था, मैंने उसको कहा क्या कर रहे हो? उसने कहा बस हो गया अब मेरा, मेरा निकल गया है तेरी चूत में, मैं झड़ गया हु.
दोस्तों मुझे जोर से गुस्सा आया, पर करती भी क्या, मैं चुपचाप रही, मैं अभी वासना की आग में जल रही थी, तभी दरवाज़े की बैल बजी और मैं डर गई. अपने कपडे ढूंढने लगी. वो बाहर आ गया ड्राइंग रूम में, और फिर दरवाजा खोला तो मुझे गालियों की आवाज आई. कह रहा था साले, तूने मुझे कहा था की जब मैं जाऊंगा तो तुम दोनों को बुला लूंगा, पर तूने बुलाया नहीं?
कहा है तेरी माल, उसने इशारे से बता दिया कमरे के तरफ. वो दोनों अंदर आ गया, मैं कपडे पहन चुकी थी.
उसने आते ही कहा बड़ी जबरदस्त माल है यार, मैंने कहा ये क्या हो रहा है, अपने फ्रेंड को बोली तुम इसे क्यों बुलाए हो, उसने कहा, ये अपनी गर्ल फ्रेंड को शेयर करता है मेरे साथ, हम तीनो अपने अपने गर्ल फ्रेंड को शेयर करेंगे, हम तीनो ने आपस में वादा किया है. मुझे अच्छा लगा, इन तीनो का आईडिया, और वो दोनों मुझे सहलाने लगा, और धीरे धीरे मेरे कपडे उतर गया और वो दोनों भी उतार लिया.
फिर क्या था दोस्तों, एक का लंड तो थोड़ा छोटा था पर एक का लंड बहुत मोटा था, उन्होंने मुझे जोर जोर से खूब चोदा, फिर तीनो ने मुझे बारी बारी से चोदा, अब मैं संतुष्ट हुई, मुझे जो चाहिए था मिल गया था.
मैंने ये सब काम तीन महीने तक खूब किया पर मुझे बाद में अच्छा नहीं लगा की रंडी बनु और मुझे तीन तीन लड़के चोदे, मैंने अपने बॉयफ्रेंड को छोड़ दिया, और मेरे मम्मी पापा दूसरे शहर में शिफ्ट कर गए है यहाँ मैं थोडे दिन चैन से रहना चाहती हु, ये मेरी कहानी सच्ची है.आपको मेरी ये 3 लड़कों से रंडी की तरह चुदवाने की कहानी कैसी लगी मुझे कमेंट्स में ज़रूर बताये.